सौर मण्डल (Solar System)
सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह
को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल
को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है।

हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं
बुध ( Mercury)
शुक्र ( Venus)
पृथ्वी ( Earth)
मंगल ( Mars)
बृहस्पति ( Jupiter)
शनि ( Saturn)
युरेनस ( Uranus)
नेप्चून ( Neptune)
1.बुध ( Mercury)
बुध सौर मंडल का सूर्य से सबसे निकट स्थित और आकार में सबसे छोटा ग्रह है।
बुध को सूर्य की परिक्रमा करने में 88 दिन का समय लगता है और अपनी धुरी पर घूमने में 58 दिन और 15 घंटे का समय। इस तरह बुध पर एक दिन पृथ्वी के लगभग 58
दिन के बराबर और एक वर्ष 88 दिन का होता है।
यह लोहे और जस्ते का बना हुआ हैं। ।
बुध व्यास से गैनिमीड और टाईटन चण्द्रमाओ से छोटा है लेकिन द्रव्यमान में दूगना है।
इसका एक भी उपग्रह नही हैं
यहां दिन अति गर्म हो राते बर्फीली होती है इसका तापांतर सभी ग्रहों में सबसे अधिक 600 डिग्री सेल्सियस है इसका तापमान रात में -173 डिग्री है वह दिन में 427 डिग्री हो जाता है
2.शुक्र ( Venus)
शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है और छठंवा सबसे बड़ा ग्रह है। इसका परिक्रमा पथ 108¸200¸000 किलोमीटर लम्बा है। इसका व्यास 12¸103•6 किलोमीटर है।
शुक्र सौर मंडल का सबसे गरम ग्रह है।
शुक्र का आकार और बनाबट लगभग पृथ्वी के बराबर है। इसलिए शुक्र को पृथ्वी की बहन कहा जाता है।
3.पृथ्वी ( Earth)
पृथ्वी बुध और शुक्र के बाद सुर्य से तीसरा ग्रह है। आतंरिक ग्रहों में से सब से बड़ा, पूरी मालूम कायानात में धरती एकलौता ग्रह है जहाँ पर ज़िन्दगी है।
सुर्य से पृथ्वी की औसत दूरी को खगोलीय इकाई कहते हैं। ये लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।
पृथ्वी ये दूरी वासयोग्य क्षेत्र में है। किसी भी सितारे के गिर्द ये एक ख़ास ज़ोन होता है, जिस में ज़मीन की सतह के उपर का पानी तरल अवस्था में रहता है।
इसका व्यास 12756 km है तथा इसके धुविए व्यास 12743 km है
इसे नीला ग्रह भी कहते है॑।
पृथ्वी सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है।
पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिनों में पूरा करती है। यह अपने अक्ष पर लम्बवत 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसके कारण इस पर विभिन्न प्रकार के मौसम आते हैं।
अपने अक्ष पर यह 24 घंटे (घण्टे) में एक चक्कर पूरा करती है जिससे इस पर दिन और रात होती है।
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
4.मंगल ( Mars)
मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है।
सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "गैसीय ग्रह" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह,
मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है।
इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों,
रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है।
हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स मंगल पर ही स्थित है।
मंगल के दो उपग्रह , फो़बोस और डिमोज़ हैं, जो छोटे और अनियमित आकार के हैं।
5.बृहस्पति ( Jupiter)
बृहस्पति सूर्य सेे पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक गैस दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद
अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है। बृहस्पति को शनि, युरेनस और नेप्चून के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चारों ग्रहों
को बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह प्राचीन काल से ही खगोलविदों द्वारा जाना जाता रहा है तथा यह कई संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं और धार्मिक
विश्वासों के साथ जुड़ा हुआ था। रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था। जब इसे पृथ्वी से देखा गया, तो यह चन्द्रमा और शुक्र के बाद
तीसरा सबसे अधिक चमकदार निकाय बन गया (मंगल ग्रह अपनी ग्रहपथ (धुरी) के कुछ बिंदुओं पर बृहस्पति की चमक से मेल खाता है)।
बृहस्पति को देवताओं का ग्रह कहा जाता है।
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